Tenth House in Astrology
कारक | |
बुध,गुरु | भाग्य |
सूर्य | अधिकार व पद |
शनि | नौकरी व आजीविका |
लक्षण | |
स्थूल | व्यवासय |
सूक्ष्म | प्रतिष्ठा |
रिश्तों का सूचक-
दत्तक पुत्र, मामी, मौसी।
शरीर के अंग-
घुटना बाईं जांघ, बायां भाग, घुटने की चक्की का गड्ढा, बाईं नासिका- छिद्र।
द्रक्कन कुण्डली के अनुसार-
(अ) बाईं नासिका-छिद्र,
(ब) धड़ का बायां भाग,
(स) बाईं जांघ।कर्मस्थान, जीवनोपाय, प्रख्यातिभाव।
आचार्य अनुपम जौली से सलाह लें
10th House in Astrology
तनभावका प्रतीक –
व्यवसाय (चर राशि-महात्वाकांक्षा, यश, पहचान और जातक को स्व- मान्यता की ओर संकेत करता है। स्थिर राशि-स्थिरता, दृढ़ निश्चयी, आत्म निर्भर, धैर्य, उद्देश्यों में स्थिरता जो कि व्यवसाय के लिए आवश्यक है –
की ओर संकेत करता है। सामान्य राशि-नौकरी को संकेत करता है।), कर्म, विदेश यात्रा, प्रतिष्ठा, समृद्धि, राजनैतिक शक्ति, सम्मान, गरिमा, आदर, पद, सरकारी नौकरी, सफलता, स्थति, यश, शोहरत/उन्नति, सामाजिक स्तर, पिता, माता – पिता के लिए मारक, मुकदमा, व्यापार व वाणिज्य, नैतिकता, संसार से निवृति, अधिकार, कार्यवाई, चुनाव, नियंत्रण।