4th House in Astrology
कारक | |
चंद्रमा | माता, भावना |
बुध | शिक्षा, सीखना |
मंगल | निर्मित – सम्पत्ति |
शुक्र | वाहन |
शनि | भूमि – सम्पत्ति |
लक्षण | |
स्थूल | रिश्तेदार |
सूक्ष्म | आनन्द |
(अ) न्याय का सिंहासन।
(ब) नादिर – स्वर्ग में सबसे निचला बिन्दु।
(स) चंद्रमा और शुक्र को दिशात्मक/संचालन की शक्ति प्रदान करता है।
रिश्तों का सूचक –
माता, बहन का लड़का, मामा/मौसा, रिश्ते।
शरीर के अंग – पेट का ऊपरी भाग, छाती, फेफड़ा, हृदय, धमनियां।
द्रक्कन कुण्डली के अनुसार –
(अ) दाईं नासिका – छिद्र,
(ब) शरीर का दायां भाग,
(स) दाईं जांघ।मातृस्थान, सुखस्थान, विद्याभाव, वाहनस्थान, भूमिभाव।
आचार्य अनुपम जौली से सलाह लें
Fourth House in Sun
तनभावका प्रतीक –
माता, मित्र, नीजि मामले, महिला जातक का दाम्पत्य जीवन, गुप्त जीवन, गुप्त, संगम व सतीत्व, सामान्य कल्याण, ख्याति, प्रसिद्धि, नैतिक गुण मंगल (ईमानदारी, सच्चाई, वफादारी आदि), मानसिक शांति, अधिग्रहण, शिक्षा, बुद्धि, आनन्द, अनुराग, सुविधाएं, निवास, सम्पत्ति (पैतृक, भूमि, निर्मित), तम्बु, मंडप, झूठे आरोप, जहां चोरी की सम्पत्ति रखी गई हो, व्यापार, कृषि – भूमि, कृषि, खाद्यान्न, मैदान, फसल, मवेशी, बगीचा, खानें, जनसमूह, बचत, मौसम।