Ninth House in Astrology
कारक | |
सूर्य | पिता |
बृहस्पति | गुरु |
लक्षण | |
स्थूल | पिता |
सूक्ष्म | भाग्य |
रिश्तों का सूचक-
गुरु, पिता, पुत्र, नाती/पोता, तीसरी संतान, छोटा भाई, छोटा साला, मामा/मौसा।
शरीर के अंग-
बायां गाल, जांघ, बायां निलय/गुहा, बांयां घुटना, उरु/जंघा से संबंधित धमनियां।
द्रक्कन कुण्डली के अनुसार-
(अ) बायां गाल,
(ब) बायां निलय व अलिन्द,
(स) बायां घुटना।
धर्मस्थान, तपस्थान, पितृभाव, बाधकस्थान (स्थिर राशि में जन्म लेने वालों के लिए)
आचार्य अनुपम जौली से सलाह लें
9th House in Astrology
तनभावका प्रतीक –
पिता, पुत्र, पति का भाग्य, भाग्य, धर्मार्थ एवं धार्मिक पेशा, परेापकार, दान, उपहार, देवता, नैतिक गुण, अविष्कार, विश्वास, यात्राएं, धर्म, बलिदान, महिला जातक की कुण्डली में मुद्ये, शिक्षक, व्यवसि्थत ध्यान, बलिदान, गुण, तीर्थयात्रा, पूर्वविचार, खोज, नैतिक स्तर, ख्याति, विरासत में मिलने वाला धन, अन्वेषण, गुरु, आकसि्मक समृद्धि, विदेश यात्राएं, अनुसंधान, उच्च मानसिक ज्ञान। महिला जातक के लिए सौभाग्यस्थान