Sixth House in Astrology
कारक | |
मंगल | शत्रु, शत्रुता, मुकदमा, बाधा/बेंत का बना बाड़ा, चोट |
बुध | मामा/मौसा व चाचा/फूफा, भाई |
शनि | दुख, अस्वस्थता, ऋण, बीमारी, |
लक्षण | |
स्थूल | शत्रु |
सूक्ष्म | हानि/क्षति |
रिश्तों का सूचक-
पैतृक रिश्ते, मामा, मौसा, नौकर, पालतू जानवर, मवेशी।
शरीर के अंग-
गुर्दा, बड़ी आंत, गुदा।
द्रक्कन कुण्डली के अनुसार-
(अ) दांयां जबड़ा,
(ब) दायां फेफड़ा व स्तन
(स) दाईं पिंडली ।शत्रुभाव, रोगस्थान, ऋणस्थान, विरक्तिभाव।
आचार्य अनुपम जौली से सलाह लें
6th House in Astrology
तनभावका प्रतीक –
दुख, चिन्ता, ऋण, दुर्गति, अस्वस्थता, घाव, बीमारी, दुर्घटना, चोट, अस्पताल, निराशा, बाधाएं, जेल, सजा, शत्रु, मानवता के शत्रु, मानवता के सभी 6 प्राकृतिक शत्रुओं (काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार व ईष्र्या) का केन्द्र, निर्दयी कार्य, कारावास, षड़यंत्र, लाभ, पत्थर, नौकरी, इमारती लकड़ी, अभाव व आवश्यकताओं का भाव, वाद्ययन्त्र, मानसिक स्थिरता, निर्मम आदेशों का क्रियान्वन, प्रतियोगिता, सांझेदार के कारण निवेश में हानि, मानसिक दुख, प्रतियोगिता में अनुकूल परिणाम, भौतिक समृद्धि।