व्यवसायों के प्रकार का निर्णय ग्रहों को स्वरूप, बल आदि पर निर्भर करता है। जो ग्रह अत्यधिक बलवान् होकर लग्न, लग्नेश आदि आजीविका के द्योतक अंगों पर प्रभाव डालता है वह ग्रह आजीविका के स्वरूप अथवा प्रकार को जतलाने वाला...
“समय से पहले एवं भाग्य से अधिक कुछ नहीं मिलता”, Not before Time and not more than Fate. अतः यह प्रारब्ध (भाग्य) क्या है? ज्योतिष शास्त्रा द्वारा इसे किस प्रकार जाने? आइये ज्योतिष की प्रामाणिक व सरल विधि...