Lal Kitab Remedies for Saturn
हम सभी जानते है की कुंडली में कुल बारह भाव होते है l आप अपनी कुंडली में खुद ही देख सकते है की किस भाव में कौन सा ग्रह ख़राब है , और उसका उपाय कैसे करें l प्रस्तुत लेख में शनि ग्रह के बारह भावों के लालकिताब उपाय दिए जा रहे है, यदि उस भाव में दशा अन्तर्दशा में शनि के दुष्परिणाम दिखाई दे रहे हो तो आप निम्न उपाय कर सकते है और उसके अच्छे परिणामों में हमें परहेज रखना होगा l
पहले खाने का शनि : यदि आपकी जन्मकुंडली में शनि पहले खाने में पड़ा है। इसकी वजह से आपके जन्म के बाद आपकी पैतृक संपत्ति और पिता का धन बढ़ेगा। आप इंजीनियर, डाक्टर बन सकते हैं। आप शक्की स्वभाव के होंगे। लोहा/लकड़ी और नमक, आग से संबंधित कामों से अधिक लाभ होगा। आपके धन में वृद्धि होगी। आपके माता-पिता को धन की कमी नहीं रहेगी। आपकी आयु पर कोई भी बुरा असर नही पड़ेगा।
यदि आपने झूठ बोला और बदनीयती रखी, व्यसनों में मदहोश रहे, परस्त्री से अनैतिक संबंध रखे तो आपका शनि मंदा हो सकता है या किसी कारण वश शनि मंदा हो गया हो तो शनि के मंदे असर से आपकी शिक्षा भी अधूरी रह जाए या इच्छित शिक्षा नहीं मिले, ऐसी आशंका है। आप आलसी, अभावग्रस्त और अस्वस्थ रह सकते हैं। आपकी पत्नी, दौलत पर बुरा असर पड़ सकता है। आपके लिये खानदानी या जद्दी काम में बरकत नहीं होगी। आप चोरी, झूठ या धोखाधड़ी करने में भी पीछे नही रहेंगे। शरीर पर अधिक बालों का होना निर्धनता का सूचक है। आप अगर सरकारी नौकरी करते हैं तो नौकरी का फल विशेष मंदा रहेगा। सरकार से बहुत अच्छे लाभ का योग नहीं है। पत्नी को शारीरिक कष्ट हो सकता है। आपके साथ चोरी, धोखेबाजी, संतान को कष्ट या कुछ भी हो सकता है। माता को कष्ट और आपको दुःखी होना पड़े ऐसी आशंका है। आपका कारोबार बिगड़ सकता है या पिता-दादा के कारोबार का दिवाला भी निकल सकता है। भाग्य के बिगड़ने की आशंका है। आग से जलने का भय है। विद्या अधूरी, पेट में खराबी, धन की तंगी रहेगी।
यदि आपको लगता है कि आपको उपरोक्त कष्ट है तो निम्नलिखित परहेज और उपाय करें।
परहेज:
- विवाह या पुत्र जन्म आदि पर खुषी के समय ढोल-बाजे आदि न बजाएं।
- शराब पीना, मांस खाना और इश्कबाजी दूर रहें।
उपाय:
- वीरान जगह में सुरमा दबायें (नौकरी-व्यापार में तरक्की के लिये)।
- बंदर को गुड़ केला खिलायें (धन की तंगी के समय)।
- वट-वृक्ष की जड़ के दूध का तिलक करें (स्वास्थ्य खराब के समय)।
द्वितीय खाने का शनि : यदि आपकी जन्मकुंडली में शनि दूसरे खाने में पड़ा है। इसकी वजह से आपको पैतृक संपत्ति और ससुराल से लाभ रहेगा। आप मान-प्रतिष्ठा से युक्त होंगे। आप ईश्वर भक्त और पूजा-पाठ करने वाले होंगे। आप आजन्म मुखिया बने रहेंगे। कमाई और खर्चा बराबर हो जाएगा। आप अपनी पहली कन्या का लालन-पालन ससुराल पक्ष को सौप दें तो आपके लिए फायदेमंद होगा। आपको जीवन में जीने की इच्छा प्रबल रहेगी। आप बाहर से देखने में प्रभावशाली नहीं लगेंगे परंतु अपनी शक्ति और अक्ल में बहुत बलवान होंगे। कभी-कभी आप इस दुनिया से सन्यास लेने को भी उत्सुक हो सकते हैं। आपको माता का पूर्ण सुख मिलेगा। पिता के सुख में न्यूनता आ सकती है। आप में अक्ल की बारीकी और आध्यात्मिक शक्ति होगी। कोयला, चमड़ा, मकान-मशीनरी के कामों से अधिक लाभ होगा।
यदि आपने मादक चीजों-द्रव्यों का सेवन किया, सांप को मारा या सांप के जहर बेचने या प्रयोग करने से संबंधित कार्य किये या कानी भैंस पाली तो आपका शनि मंदा हो सकता है या किसी कारण वश शनि मंदा हो गया हो तो शनि के मंदे असर से आप विचारों के कच्चे, मुर्दादिल और पस्त हौसले वाले होंगे। 28वें 39वें वर्ष की आयु रोग और बीमारी में बीत सकती है। आपकी किसी के साथ दुश्मनी भी हो सकती है। आपका जुआं आदि खेलना आपके ससुराल के लिए बुरा हो सकता है। आपके विवाह के समय ससुराल में अग्निकांड हो सकता है। विद्या अधूरी रहे, ऐसी आशंका है। सगाई के दिन से ससुराल को हानि होना शुरु हो जायेगी।
यदि आपको लगता है कि आपको उपरोक्त कष्ट है तो निम्नलिखित परहेज और उपाय करें।
परहेज:
- माथे पर तिलक की जगह सरसों तेल न लगावें।
- सांपों को न मारें।
उपाय:
- नंगे पैर धर्म स्थान में जावें।
- सांप को दूध पिलावें।
तृतीय खाने का शनि : यदि आपकी जन्मकुंडली में शनि तीसरे खाने में पड़ा है। इसकी वजह से आप स्वस्थ, विद्वान, विवेकी और खर्चीले स्वभाव के होंगे। धन की कमी नहीं रहेगी। आपके पास बहुत धन आएगा। आप पराए लोगों की मदद करेंगे। आपको चोरी और धन नाश की तरफ से सतर्क रहना चाहिए। आप सबकी मदद करेंगे मगर वह व्यक्ति दूसरों का काम बिगाड़ेगा, और खुद आराम पाएगा। आपके जीवन में अड़चने भी पैदा हो सकती हैं। आप साहसी होंगे। भाई-बहन से सामान्य सुख के आसार हैं। आप दुःसाहस करने में भी बाज नही आएंगे। लोहा/मशीनरी से संबंधित कामों से धन लाभ होगा।
यदि आपने चोरी-ठगी की, घर का मुख्य दरवाजा पूर्व या दक्षिण दिशा में हुआ, दूसरे लोगों के काम बिगाड़े तो आपका शनि मंदा हो सकता है या किसी कारणवश शनि मंदा हो गया हो तो शनि के मंदे असर से शराब पीना, मांस खाना अच्छा फल नहीं देगा। नगद धन का अभाव रह सकता है। नर संतान को कष्ट की आशंका है। आपकी आंखों की नज़र कमजोर हो सकती है। छोटे भाई से दूरी या उसका सुख न होगा। भाई-बंधु आपकी नेकी को भूल जाएंगे। चोरी-ठगी करने पर भी धन की कमी रहेगी। कुत्ते के काटने का भय रहेगा। मकान बनाने में बहुत संघर्ष करना पड़ेगा।
यदि आपको लगता है कि आपको उपरोक्त कष्ट है तो निम्नलिखित परहेज और उपाय करें।
परहेज:
- शराब-मछली का सेवन न करें। मछली का शिकार न करें।
- कीकर-बेरी का वृक्ष घर में न लगावें।
उपाय:
- तीन कुत्तों को भोजन का हिस्सा देवें।
- मकान के अंत में अंधेरी कोठरी बनावें।
चतुर्थ खाने का शनि : यदि आपकी जन्मकुंडली के चौथे खाने में शनि पड़ा है, जिसकी वजह से आपका जीवन सुखी रहेगा। आप स्त्री और प्रेम संबंधों से घिरे रहेंगे, परंतु जवानी के बाद कामवासना से परहेज और धार्मिक विचारों की प्रवृत्ति हो जाएगी। सेहत खराब के समय शराब दवा के रूप में काम करेगी। आपके रिश्तेदार आपकी सहायता करेंगे। माता या पिता में से एक का सुख बहुत लंबे समय तक मिलेगा। दूसरी औरतों के आगे-पीछे भागना, आपकी अपनी पत्नी के लिए बुरा असर करेगा। घर से दूर विद्या पढ़े तो अधिक लाभ होगा।
यदि आपने किराये के मकान में रिहाईश की, मकान में काले कीड़े निकले, सांप का तेल बेचना शुरु किया, मादक चीजें बेचीं तो आपका शनि मंदा हो सकता है या किसी कारण वश शनि मंदा हो गया हो तो शनि के मंदे असर से आप क्रोधी, धूर्त, पानी के सांप जैसे स्वभाव के होंगे, आपको मकान-जायदाद का सुख कम ही मिलेगा। कभी बीमारी के चक्कर में पड़ जाएं तो शनि की चीजों का प्रयोग करें। माता दुःखी रहेंगी या माता के लिए कष्टकारक समय होगा। विधवा स्त्री से अनैतिक संबंध रखने पर या खर्च करने से कंगाल हो जाएंगे। शराब पीने से शुभ प्रभाव नष्ट हो जाएगा। पेट में खराबी, विकार रहेंगे। आपकी जायदाद पर दूसरों का कब्जा हो सकता है और आप पर लांछन लगेगा। आपकी पत्नी आपके कारण दुःखी रह सकती है या आपको पत्नी सुख में कमी रहेगी।
यदि आपको लगता है कि आपको उपरोक्त कष्ट है तो निम्नलिखित परहेज और उपाय करें।
परहेज:
- हरा रंग हानिकारक है।
- काला कपड़ा न पहनें।
उपाय:
- कुएं में दूध डालें।
- मछली-भैंस-कौवे को भोजन का हिस्सा खिलायें।
पंचम खाने का शनि : यदि आपकी जन्मकुंडली में शनि पांचवें खाने में पड़ा है। जिसकी वजह से मकान बनवाना संतान के लिए हानिकारक है। यदि मकान बन जाए तो 48 वर्ष तक आपको संतान सुख नहीं होगा या संतान से संबंधित मुसीबत हो सकती है। आपकी संतान मकान बनाये तो लाभ रहेगा। आपका स्वभाव धर्म देवता के समान है और स्वभाव भोले बादशाह के जैसा होगा अर्थात् आप दिखने में भोले-भाले होंगे लेकिन काम करने में चतुर होंगे। आपकी आर्थिक हालात सुधरेगी। अभिमान और अक्ल की बारीकी से अपनी जिंदगी को कामयाब बनाएंगे। आपकी किस्मत अच्छी होगी। आप अपनी मर्जी के मालिक होंगे। आप काम-काज बड़ी सफाई से करेंगे। आपकी प्रबंध व्यवस्था अच्छी होगी। अधिक संतान सुख की संभावना कम है। आप राजकीय सेवा में हैं तो आपको राज्य पक्ष से लाभ होगा। आप तकनीकी कामों से संबद्ध रहेंगे इसलिए आपकी पूछ हर जगह होगी। आपकी तरक्की भी होगी। कोई जमीन से या आकस्मिक धन प्राप्ति के भी योग बनेंगे।
यदि आपने 48 वर्ष से पहले मकान बनाया, भाई-बंधुओं आदि से चोरी-ठगी की, आपके शरीर पर अधिक बाल हुए मांस-मदिरा का सेवन किया तो आपका शनि मंदा हो सकता है या किसी कारण वश शनि मंदा हो गया हो तो शनि के मंदे असर से पेट में खराबी, विद्या में रुकावट, शराब-मछली का सेवन करने से खानदान नष्ट हो जाने का भय होता है। आपको सांप से डंक का भय है। आपकी आर्थिक हालत पर बुरा असर पड़ सकता है। 48 वर्ष की आयु तक पुत्र या मकान दोनों में से एक का सुख मिलेगा। विवाह एक से अधिक होने पर भी संतान सुख नहीं मिलेगा या बच्चा गोद लेना पड़ सकता है।
यदि आपको लगता है कि आपको उपरोक्त कष्ट है तो निम्नलिखित परहेज और उपाय करें।
परहेज:
- शराब-मांस-मछली का सेवन न करें।
- 48 वर्ष आयु से पहले मकान न बनावें।
उपाय:
- सोना-केसर पास रखें।
- सांप को दूध पिलावें।
षष्ठ खाने का शनि : यदि आपकी जन्मकुंडली के छठे खाने में शनि पड़ा है। इसकी वजह से आपको 28 वर्ष की उम्र में या 28 वर्ष की आयु के बाद विवाह लाभदायक होगा अन्यथा मां, पत्नी, संतान पर मंदा असर रहेगा। आप खेल में रुचि रखने वाले या प्रसिद्ध खिलाड़ी भी हो सकते हैं। आपकी पत्नी सुखी रहेगी। आपकी उम्र के 34 से 41 वर्ष के बीच कोई संतान पैदा हो तो आपके जीवन और घर का कायाकल्प हो सकता है। आपको यात्रा से लाभ मिलेगा। आपका चरित्र उत्तम होगा। आपका परिवार सुखी रहेगा। धन-लक्ष्मी की प्राप्ति होती रहेगी। आप गुप्त कार्य करने के आदी हो सकते हैं। संतान आपके भाग्य के लिए बड़ी ही शुभ और अनुकूल होगी।
यदि आपका घर बंद गली में हुआ, धर्म मंदिर से जूता बदला, पूर्णिमा को नया काम शुरु किया, चमड़े-लोहे का सामान मुफ्त लिया तो आपका शनि मंदा हो सकता है या किसी कारण वश शनि मंदा हो गया हो तो शनि के मंदे असर से आपका छोटा भाई आप से शत्रुता करे, ऐसी शंका है। परंतु अंत में वह दुश्मनी को भुला कर दोस्त बन जाएगा। शराब-मांस, अंडे का भोजन करने से हानि होने की आशंका है। आप लड़ाई-झगड़े से परेशानी में पड़ सकते हैं। आपके ताऊ, बड़े भाई या मामा को नेत्र रोग या आंखों की हानि हो सकती है। आपकी पत्नी और माता को कोई कष्ट होने की आशंका है। शराब-कबाब और औरतों के चक्कर में मुकद्दमा/पुलिस या साहूकारी अड़चने आ सकती हैं। आपको गुर्दे या पथरी के रोग का भी भय है। आपकी मृत्यु दुर्घटना से हो सकती है। आपकी नौकरी व्यापार में अचानक बाधाएं आ सकती है।
यदि आपको लगता है कि आपको उपरोक्त कष्ट है तो निम्नलिखित परहेज और उपाय करें।
परहेज:
- धर्म स्थान से जूता चोरी न हो इसका विषेष ध्यान रखें।
- लोहे का नया सामान न खरीदें।
उपाय:
- काले कुत्ते की सेवा करें।
- सांप को दूध पिलावें।
सप्तम खाने का शनि : यदि आपकी जन्मकुंडली में सातवें खाने में शनि पड़ा है। जिसकी वजह से आप जादू-मंत्र की सिद्धि प्राप्त करेंगे। आपको बहुत लाभ होगा, कभी-कभी धन का सात गुना लाभ भी हो सकता है। आपके पास बहुत संपत्ति होगी। आप जन्मजात ही शासक प्रवृत्ति के हैं और शासनकर्ता बनेंगे। आप परोपकार करने से धनी होंगे। 36 वर्ष के बाद पिता और पत्नी के लिए अच्छा फल प्राप्त होगा। यह आयु आपके धनवान बनने की है। आप ग्राम, समाज में मुखिया, धनी और सम्मानित होंगे। आपकी संतान की आयु के लिए बहुत अच्छा होगा। आप अपनी सेहत पर पूरा ध्यान दें।
यदि आपने डाक्टर-कैमिस्ट का काम किया, हथियार पास रखा, चोर-डाकू का साथ रखा, स्त्रियों से झगड़ा किया, मकान बेचा तो आपका शनि मंदा हो सकता है या किसी कारण वश शनि मंदा हो गया हो तो शनि के मंदे असर से पत्नी और पुत्र-पुत्रियों से खुश न रहेंगे, ऐसी आशंका है। आपके लिए शराब आदि का सेवन करना हानिकारक है। आपकी आयु के 36वें वर्ष में पिता पक्ष की एवं धन की हानि की आशंका है। इसका बुरा असर कारोबार पर भी पड़ सकता है। पराई स्त्री के साथ इश्कबाजी, अपनी संतान के लिए अशुभ हो सकती है। यदा-कदा आपमें छल-कपट ईर्ष्या की भावना प्रबल हो जाएगी। पत्नी के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर हो सकता है। 22 वर्ष की आयु से पहले विवाह होगा तो आपकी आंखों की नजर खराब होगी, ऐसी आशंका है। सैक्स संबंधी समस्याएं भी आड़े आ सकती हैं।
यदि आपको लगता है कि आपको उपरोक्त कष्ट है तो निम्नलिखित परहेज और उपाय करें।
परहेज:
- डॉक्टर-कैमिस्ट का काम न करें।
- चोर-डाकू का साथ न रखें।
उपाय:
- कपिला गाय की सेवा करें।
- मिट्टी के बर्तन में शहद भर कर वीराने में रखें।
अष्टम खाने का शनि : यदि आपकी जन्मकुंडली में आठवें खाने में शनि पड़ा है। इसकी वजह से आप नये अविष्कार या विषयों की खोज करेंगे। आप मनमौजी होंगे। आर्थिक हालत सामान्य रहेगी। भागीदारी के काम से लाभ अधिक होगा। यदि आप सरकारी नौकरी करते हैं तो आपको सरकारी विभाग में धीरे-धीरे तरक्की प्राप्त होगी। आप विदेश की यात्रा भी करेंगें, ऐसी पूरी संभावना है। वैसे आपको जल से, जलीय पदार्थ या समुद्री यात्रा से लाभ हो सकता है, परंतु आपकी विदेश यात्रा पूर्ण संभावित है। आपको एक जगह बैठे रहने वाले स्थायी काम करना ही अच्छा है।
यदि आपने अपनी रिहाईश गली की नुक्कड़ पर या आगे बंद गली के घर मंें रखी, मकान में दरारें हुईं, घर से बिच्छू निकलते रहे, आप अपने नाम पर मकान बना लेवें तो आपका शनि मंदा हो सकता है या किसी कारणवश शनि मंदा हो गया हो तो शनि के मंदे असर से आपको पिता का सुख कम ही प्राप्त हो सकता है। किसी भी दुर्घटना की आशंका है। आपके भाई आपसे शत्रुता कर सकते हैं। आपकी टांगों पर बुरा असर पड़ सकता है। शराब-मांस, अंडे का सेवन-भोजन आपको नीच बना देगा इसका सेवन नहीं करें। आपका बुढ़ापा गरीबी से गुजरे और बुढापे में आंखों की दृष्टि कमजोर होने की आशंका है। आपके अभिमान के कारण नुकसान हो सकता है। कोई जवाबदेही पूर्ण कार्य से अथवा नीच कार्य से बहुत बड़ा नुकसान और पछतावे का कारण बन सकता है। आपको सरकार से भय रहेगा। अपने नाम पर मकान बना लेंगे तो असमय मौत को बुलावा हो सकता है। नौकरों द्वारा हानि का भय, संतान सुख में कमी हो सकती है। शराब-मांस, मछली का सेवन आपको हानि दे सकता है।
यदि आपको लगता है कि आपको उपरोक्त कष्ट है तो निम्नलिखित परहेज और उपाय करें।
परहेज:
- अपने नाम से मकान न बनायें।
- सांप न मारें।
उपाय:
- चांदी का चौरस टुकड़ा पास रखें।
- 8 किलो उड़द जल प्रवाह करें।
नवम खाने का शनि : यदि आपकी जन्मकुंडली में शनि नौवें खाने में पड़ा है। जिसकी वजह से आप लोगों पर परोपकार करेंगे तथा इसके अच्छे लाभ भी आपको मिलेंगे। आप बड़े परिवार के सदस्य होंगे। आप भाई एवं मित्रों से सहयोग प्राप्त कर धनवान बनेंगे। आपको चलते-फिरते कामों से अधिक लाभ मिलेगा। आपको संतान का सुख होगा। परंतु संतान के सुख प्राप्ति में विलंब हो सकता है। आपकी पत्नी धनी परिवार से होगी। आपके पास प्रचुर मात्रा में धन रहेगा। आप धन के विषय में लापरवाह रहेंगे। आप उदार प्रवृत्ति के, जागीरदार, सदा सुखी होंगे। माता-पिता का उत्तम सुख प्राप्त होगा। आप विद्वान होंगे। आप पर कभी भी कर्ज का बोझ नहीं पड़ेगा। आपका भाग्य अपने माता-पिता के भाग्य से अच्छा होगा। आपकी पत्नी भाग्यवान और अमीर खानदान की होगी। आप पैसे के प्रति बहुत मोह नहीं करेंगे। तीर्थ यात्रा करेंगे भाग्योन्नति होगी उससे अधिक शुभ फल प्राप्त होते रहेंगे। आप धार्मिक विचार वाले होंगे।
यदि आपने दूसरों के माल पर बुरी नजर रखी, जुआ आदि खेला, बुरे काम किये, लोहा/मशीनरी आदि के कार्य किये, घर में शीशम का पेड़ हो, जब आपके नाम 3 मकान बन जायें तो आपका शनि मंदा हो सकता है या किसी कारण वश शनि मंदा हो गया हो तो शनि के मंदे असर से आप ब्याज का धंधा करें तो नुकसान होगा। आपके दिल में दूसरों से बदला लेने की भावना रहती है। अग्निकाण्ड की शंका है। आपको सांस या दमे की बीमारी हो सकती है। संतान सुख में विघ्न या पुत्र-पौत्र संतान की चिंता रहेगी। मंदे कामों से बदनामी भी हो सकती है। आंखों की दृष्टि खराब हो ऐसी आशंका है। अमीरों से धन लूट कर गरीबों में बांटना, ऐसी आपकी सोच रहेगी।
यदि आपको लगता है कि आपको उपरोक्त कष्ट है तो निम्नलिखित परहेज और उपाय करें।
परहेज:
- दूसरों के माल पर बदनीयत न करें।
- घर की छत पर ईंधन-चौगाठ आदि न रखें।
उपाय:
- माथे पर केसर का तिलक करें।
- घर के अंत में अंधेरा कमरा बनायें।
दशम खाने का शनि : यदि आपकी जन्मकुंडली के दसवें खाने में शनि पड़ा है। जिसकी वजह से आप महत्वाकांक्षी होंगे। सरकार द्वारा लाभान्वित होंगे। आप दूसरों का सम्मान करेंगे तो आप भी सम्मानित होंगे। आयु के हर सातवें वर्ष में आपके धन में वृद्धि होगी। आयु का हर तीसरा वर्ष आपके लिए फायदेमंद रहेगा। सवारी का अच्छा फल मिलेगा। ससुराल पक्ष के धन में वृद्धि होगी। आप धर्मात्मा तो होंगे परंतु बुढ़ापे में आप निकम्मे हो जाएंगे। आप एक ही जगह पर स्थायी कार्य करेंगे तो अच्छा लाभ होगा। आप परिश्रमी और अपने हाथ से अपना भाग्य बनायेंगे। 39 वर्ष की आयु तक पिता का उत्तम सुख प्राप्त होगा। आपके जीवन का 3रा, 5वां, 9वां, 21वां 33वां, 40वां एवं 57वां वर्ष में 10 गुनी तरक्की, इज्जत और धन-दौलत के लिए लाभदायक समय रहेगा।
यदि आपने 48 वर्ष की आयु से पहले मकान बनाया, शराब-मछली का सेवन किया, चाल-चलन खराब किया, इधर-उधर भाग दौड़ करने वाली नौकरी-व्यापार किया तो आपका शनि मंदा हो सकता है या किसी कारणवश शनि मंदा हो गया हो तो शनि के मंदे असर से यदि आप शराब सेवन नहीं करें तो निश्चय ही आपके भाग्य में उन्नति होगी। आपसे किसी की मृत्यु, आग्नेय शस्त्र या हथियार से हो ऐसी आशंका है। पत्नी के लिए कष्टकारक रहेगा। आपके गृहस्थ और ससुराल के लोग कष्ट में रहेंगे, माता-पिता को कष्टकारी होगा। शराब-मछली के सेवन से तरक्की-अवनति में बदलती रहेगी या बहुत हानि होगी। धन-सम्मान मिट्टी में मिल जाये, ऐसी शंका है। आपके जीवन का 27वां वर्ष हानिकारक हो सकता है।
यदि आपको लगता है कि आपको उपरोक्त कष्ट है तो निम्नलिखित परहेज और उपाय करें।
परहेज:
- मादक चीजों-द्रव्यों और शराब-मछली का सेवन न करें।
- भाग-दौड़ के काम न करें।
उपाय:
- हथियार पास न रखें।
- सिर पर चोटी रखें या केसर का तिलक करें।
एकादश खाने का शनि : यदि आपकी जन्मकुंडली के ग्यारहवें खाने में शनि पड़ा है। इसकी वजह से आपका भाग्योदय 48वें वर्ष में होगा। आप अपने धर्म पर अडिग रहेंगे। जीवन के 57वें, 72वें और 89वें आयु में अच्छा फल मिलेगा। आपको पूरा आराम मिलेगा और उत्तम फल प्राप्त होंगे। लोहा, कोयला, रबड़ आदि काली चीजों के व्यवसाय से लाभ प्राप्त करेंगे। दस्तकारी में भी निपुण होंगे। आप अपने धन की सुरक्षा करेंगे। आर्थिक दृष्टि से आप प्रगति करेंगे। संतान सुख अवश्य मिलेगा। यदि आप नेकी करेंगे और धर्म का सहारा लेंगे तो मिट्टी को भी छुएंगे तो सोना हो जाएगी। न्यायप्रिय, राज्याधिकारी, राजदरबार और धन-दौलत पर अच्छा असर पड़ेगा। भलाई करने से जिंदगी में सभी प्रकार के आराम मिलेंगे। बुजुर्गी संपत्ति का लाभ होगा, ससुराल वाले अमीर होंगे।
यदि आपने 55 वर्ष की आयु से पहले मकान बनाया, आपने परिवार के लोगों को हानि पहुंचाई, भाई से दूर रहे, धोखे-ठगी से धन कमाना शुरु किया तो आपका शनि मंदा हो सकता है या किसी कारण वश शनि मंदा हो गया हो तो शनि के मंदे असर से आपकी शिक्षा अधूरी रह सकती है। आप गुस्सैल मिजाज के होंगे। आपके आमदनी और खर्च बराबर रहेंगे। शराब-मांस का सेवन करने से क्रोध की मात्रा बढ़ जाएगी और आप किसी की हत्या भी कर सकते हैं। आप फरेब करके पैसा बनाएंगे। बेईमानी से कमाया हुआ धन बुरा फल देगा। धोखे-ठगी से कमाया धन कैद और कफन ही देगा। विद्या में रुकावट, आपका भाई-बंधु और मित्रों से विरोध होगा, खानदान के लिए अशुभ होगा।
यदि आपको लगता है कि आपको उपरोक्त कष्ट है तो निम्नलिखित परहेज और उपाय करें।
परहेज:
- किराये के मकान में रिहाईश न करें।
- ठगी-धोखे से धन न कमाएं।
उपाय:
- घर में शुद्ध चांदी की ईंट रखें।
- नये काम पर जाते समय या नया काम शुरु करते समय पानी या दूध का भरा घड़ा कुंभ के तौर पर रखें।
द्वादश खाने का शनि : यदि आपकी जन्मकुंडली के बारहवें खाने में शनि पड़ा है। इसकी वजह से आप पैसे की परवाह नही करेंगे और बेबाक खर्च करेंगे। पैतृक संपत्ति प्राप्त होगी। आप असहायों को सहारा देंगे और उजड़ों को बसाएंगे। आपका कोई शत्रु नहीं होंगा। आप धनवान और सुखी होंगे। आपकी जो भी इच्छा होगी देर-सबेर पूरी होगी। आपके पास विभिन्न प्रकार की जायदाद होगी। आपका जीवन आराम से बीतेगा। आपका परिवार खानदानी होगा। आपकी कमाई में बरकत होगी। आप अपने पिछले जन्म की इच्छाओं के अनुरूप कोई बड़ा कार्य संपन्न करेंगे। आप में साधना करने की कला विद्यमान हैं। आप मुखिया या नेता हों या ऐसा सम्मान प्राप्त हो यह संभावना है। आपकी आमदनी और सुख के लिए शुभकारक है। आपमें जरूरत से ज्यादा होशियारी रहेगी। आपको रात्रि में पूरा आराम और सुख प्राप्त होगा।
यदि आपने प्लाट खरीद कर मकान बनाया, मकान के अंत में अंधेरा कमरा हो उसको रोशनी में बदला, झूठ को धर्म बनाया, दूसरे के माल पर नजर रखी तो आपका शनि मंदा हो सकता है या किसी कारणवश शनि मंदा हो गया हो तो शनि के मंदे असर से झूठ बोलना या शराब आदि का चस्का लग जाना बहुत हानिकारक हो सकता है। आप गुप्त रूप से कुछ धोखा-फरेब करने के आदी हो जाएंगे। आप झूठ बोलने वाले, चरित्रहीन स्त्रियों से संबंध रखने वाले या शराब आदि का सेवन कर, अशुभ फल के भागी बनेंगे। जुबान का चस्का भी आपकी बर्बादी का कारण बन सकता है। आंखों की नजर संबंधी दोष हो सकता है। एक से अधिक विवाह की आशंका है। आप कभी-कभी बहुत ज्यादा गुस्सा कर बैठते हैं जो बड़ा नुकसानदेह है। आप अपनी पत्नी के गुलाम होंगे। हर वक्त आप चालाकी करते रहेंगे। संतान सुख में विघ्न या संतान देरी से होगी। आप पर कत्ल या दीवानी का मुकद्दमा चल सकता है। पुलिस/कोर्ट में जुर्माना या दण्ड का भय रहेगा।
यदि आपको लगता है कि आपको उपरोक्त कष्ट है तो निम्नलिखित परहेज और उपाय करें।
परहेज:
- परस्त्री से अनैतिक संबंध न रखें।
- दूसरों के माल पर नजर न रखें।
उपाय:
- तांबे के बर्तनों का प्रयोग करें।
- तख्त पोश पर शयन करें।